Sunday, December 13, 2009

मेरी हाँ

कई दिनो से
घर के बाहर
चक्कर लगाते-लगाते
एक दिन अचानक वो
ठहरा, झिझकता हुआ बोला
मै डरते-डरते मुस्कुरा दी
बात ही कुछ ऎसी थी
जो खास न होते हुए भी
लगी कुछ खास सी
परन्तु उसे कुछ खास बनाने को
लालायित थी मै भी
मेरा समर्पण भी
नही था कुछ कम
किन्तु,परन्तु,लेकिन
शब्दों का जमावड़ा मिटा
बात बस हाँ की थी
और हाँ में ठहर गई
अब वो लगाता नही चक्कर
घर के बाहर
घर में ही रहता है
परन्तु
मेरी आँखे तलाशती है
उन बोलती आँखों को
जो मेरे लिये
कुछ भी कर सकने का
जुनून रखती थी
मेरी हाँ पाने के बाद
मगर आज
किन्तु,परन्तु,लेकिन में लिपट गई है--

15 comments:

हरकीरत ' हीर' said...

परन्तु
मेरी आँखे तलाशती है
उन बोलती आँखों को
जो मेरे लिये
कुछ भी कर सकने का
जुनून रखती थी
मेरी हाँ पाने के बाद
मगर आज
किन्तु,परन्तु,लेकिन में लिपट गई है--

वाह....बहुत सुंदर .....इस किन्तु,परन्तु में आपने दिल की बातें कह दीं .....!!

रश्मि प्रभा... said...

bahut gahre, bhaw bhare ehsaason ko sanjoya hai......
aapka naam?

shyam gupta said...

सुन्दर भाव , हां के बाद,पालेने की सफ़लता के अहं में किन्तु-परन्तु ---बडी सुन्दर कहानी है।

شہروز said...

मार्मिक रचना! मेहरबानी कर word verification हटा दें.

रचना दीक्षित said...

मेरी आँखे तलाशती है
उन बोलती आँखों को
जो मेरे लिये
कुछ भी कर सकने का
जुनून रखती थी
मेरी हाँ पाने के बाद
मगर आज
किन्तु,परन्तु,लेकिन में लिपट गई है--
कम शब्दों में काफी कुछ समेटे हुए अक अच्छी रचना

vandana gupta said...

uff! kya baat kah di..........nishabd kar diya.

dweepanter said...

बहुत ही सुंदर रचना है। ब्लाग जगत में द्वीपांतर परिवार आपका स्वागत करता है।
pls visit....
www.dweepanter.blogspot.com

Murari Pareek said...

ये किन्तु परन्तु ही छलावा करते हैं सुन्दर अभिव्यक्ति

Udan Tashtari said...

सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति!!

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

आपका बहुत बहुत धन्यवाद....

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति!!

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

बहुत ख़ुशी हुई आपसे मिल कर.....

Anonymous said...

"मेरी आँखे तलाशती है
उन बोलती आँखों को"
शब्द और भावों को सुंदर संयोजन - अगली पोस्ट का इन्तजार रहेगा

डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह said...

good poem of my liking,pl keep it up and post regularly please.
thankfully
dr.bhoopendra
jeevansandarbh.blogspot.com

Anamikaghatak said...

umda prastuti